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नवदुर्गा नवरात्रि,नौरस,नौरत्न ….’ नौ ‘- सबसे बड़ी संख्या

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मेरे प्रिय ब्लॉगर साथियों /पाठकों
माँ शक्ति के नवरात्रि पूजा पर्व के अवसर पर यमुना की बहुत सारी शुभकामना

Desktop4भारत देश को शून्य और एक से नौ तक अंक पूरे विश्व को देने का गौरव मिला है.जब भी मैं इन अंकों के विषय में सोचती हूँ मुझे मनुष्य की सोचने विचारने की क्षमता पर आश्चर्य होता है. शून्य से नौ तक की सीमित संख्या से अनगिनत संख्याएँ बन जाती हैं जो लोग विकास के रास्ते पर चलते हुए साधन की सीमितता का रोना रोते हैं उनके लिए यह सन्देश है कि जब सीमित संख्या (0 ,1 ,2 ,3 ….7 ,8 ,9)से अधिकाधिक संख्याएँ सीमित वर्णों से (हिन्दी अ से रृ …क से ह और अंग्रेज़ी अल्फाबेट के 26  लेटर से पूरी डिक्शनरी )बन सकती है तो फिर प्रकृति के सीमित साधनों के विवेकपूर्ण प्रयोग से सफलता पूर्वक विकास संभव क्यों नहीं हो सकता . इस ब्लॉग में सबसे बड़ी संख्या नौ के महत्व पर ही लिखना चाहती हूँ.

आश्विन और वसंत चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के नौ दिन शक्ति की उपासना के हैं जिन्हे नवरात्रि कहा जाता है .हम अपने नव वर्ष का स्वागत शक्ति की उपासना जीवन शक्ति ,भक्ति ,आस्था ,निष्ठां और श्रद्धा के साथ करते हैं .

मनुष्य धन (लक्ष्मी) ज्ञान (सरस्वती) की पूजा वर्ष में एक बार और एक ही दिन करता है पर स्त्री

शक्ति के महत्व को अवश्य स्वीकार करता है …तभी तो चाहे भयवश चाहे भक्तिवश शक्ति की

पूजा वर्ष में दो बार वह भी नौ नौ दिन नौ रूपों में करता है …..संख्या नौ की महिमा बहुत बड़ी है …

1) नौ मूर्तियां या नौ दुर्गा
शैलपुत्री ,ब्रह्मचारिणी ,चंद्रघंटा ,कूष्माण्डा ,स्कंदमाता , कात्यायनी , कालरात्रि ,महागौरी ,सिद्धिदात्री

2)देवी की नौ शक्तियां
ब्राह्मी ,माहेश्वरी ,कौमारी ,वैष्णवी ,वाराही ,नारसिंही ,ऐन्द्री ,शिवदूती और चामुण्डा

3)नौ शक्तियां
विभूति ,उन्नति ,कान्ति ,सृष्टि ,कीर्ति ,सनति ,व्युष्टि ,सत्कृष्टि एवं र्रिधि

4) प्राकृत जगत के नौ साक्षी
सूर्य ,चन्द्र ,यमदेव ,काल ,पृथ्वी ,जल ,अग्नि ,वायु ,आकाश

5) नौ ग्रह
सूर्य,चन्द्र , मंगल ,बुध ,वृहस्पति ,शुक्र ,शनि ,राहु ,केतु

6)नौ ब्रह्मा (मानस पुत्र )
भृगु ,पुलत्स्य ,पुलह ,क्रतु ,अंगिरा ,मरीचि ,दक्ष ,अत्रि और वशिष्ठ

7)नौ कन्याएं
ख्याति ,भूति ,सम्भूति ,क्षमा ,प्रीती ,सन्नति ,ऊर्जा ,अनसूया ,प्रसूति

8)शरीर के नौ द्वार
एक मुंह ,दो कान ,दो आँखें ,दो नथुने ,गुदा और जनेन्द्रिय

9)नौ द्रव्य
पृथ्वी ,जल ,तेज ,वायु ,आकाश ,काल ,दिशा ,आत्मा और मन

10)नवधा भक्ति
श्रवण ,स्मरण ,कीर्तन ,वंदन ,अर्चन ,पादसेवन ,सख्य ,दास ,आत्मनिवेदन

11 )नौ आसान
स्वस्तिकासन ,गोमुखासन ,पद्मासन ,वीरासन ,सिंहासन ,भद्रासन ,मुक्तासन ,मयूरासन ,सुखासन (जाबालदर्शनोपनिषद )

12 )नौ रत्न
मुक्ता,माणिक्य , वैदूर्य,गोमेद ,वज्र , विद्रुम ,पद्मराग ,मरकत ,नील

13 )नौ धातु
हेम ,तार ,आर नाग ताम्बा रंग तीक्षणक ,कांस्यक कांतलोह

14 )नौ रस
श्रृंगार ,हास्य ,करून ,रौद्र ,वीर ,भयानक ,वीभत्स ,अद्भुत ,शांत

15 ) बुद्धि के नौ दोष
काम ,क्रोध ,भय ,लोभ ,दैन्य ,कुटिलता ,दयाहीनता ,सम्मानहीनता ,धर्महीनता

16 )नौ विध्न
व्याधि ,सत्यं (साधन में अप्रवृत्ति) ,संशय ,प्रमाद ,आलस्य ,अविरति (वैराग्यहीनता )भ्रान्तिदर्शन ,अलब्धभूमिकत्व (लक्ष्य की उपलब्धि न होना ),अनवस्थितत्व (लक्ष्य में स्थिर न होना )

17 )ब्राह्मण के नौ स्वाभाविक कर्म
शमः (अंतःकरण का निग्रह) ,दमः (इन्द्रियों का दमन ) ,शौचम् (बहार भीतर की शुद्धि) ,तपः (धर्म के लिए कष्ट सहन ),क्षांति(क्षमा भाव) ,आजर्वम (मन,इन्द्रियाँ,और शरीर की सरलता ),शास्त्र ज्ञान ,विज्ञान ,परमात्मा तत्त्व का अनुभव (गीता के अनुसार )
शम,दम,तप,शौच,क्षमा,सरलता,ज्ञान,विज्ञानं,आस्तिकता (रामचरित मानस के अनुसार )

18 )कुबेर के नौ खजाने
महापद्म,पद्म ,शंख ,मकर ,कच्छप ,मुकुंद ,कुण्ड ,नील और खर्व

19 )राजा विक्रमादित्य के दरबार के नौ रत्न
धन्वन्तरि ,क्षपणक , अमर सिंह ,शंकु ,बेताळभट्टा ,घटखर्पर ,कालिदास ,वराहमिहिर ,वररुचि

20 )राजा अकबर के दरबार के नौ रत्न
अबुल फज़ल ,फ़ैज़ी ,मियां तानसेन ,राजा बीरबल , राजा टोडरमल ,राजा मानसिंह ,अब्दुर रहीम खानखाना ,फ़कीर अज़ीओ दीन ,मुल्ला दो पियाज़ा

21 )नौ बातें जो गुप्त रखनी चाहिए
आयु ,धन ,घर के दोष ,मन्त्र ,मैथुन ,औषध ,दान ,मान और अपमान

22 ) नौ व्यक्तियों से विरोध नहीं करना चाहिए
शास्त्री ,मर्मी,समर्थ ,स्वामी,मूर्ख ,धनवान ,वैद्य ,भाट ,कवि ,रसोइया ,

23 ) नौ तुष्टि
शब्द , स्पर्श ,रूप ,रस ,गंध (बाह्य तुष्टि) प्रकृति ,उपादान ,काल ,भाग्य (आध्यात्मिक तुष्टि )

24 )नौ कारण
उत्पत्ति,स्थिति ,अभिव्यक्ति ,विकार ,प्रत्यय ,प्राप्ति ,वियोग ,अन्यत्व ,धृति

25 ) नौ रंग
काला ,सफ़ेद, लाल ,हरा ,पीला ,नीला ,नारंगी ,बैंगनी ,भूरा ,बसन्ती

जानकारी श्री शशिभूषण की पुस्तक ‘अंक निवेश ‘ से साभार

9 तक 9 ही आता है.इस तरह……

9*1=9….9*2=18 (1+8=9)..9*3=27(2+7=9)…9*4=36(3+6=9)……..9*9=81(8+1=9)

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