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1 ) 24 * 7 न्यूज़ मेनिया
अब… खबरों के
बीज नहीं बोये जाते
जिनसे निकल सके
पत्तियाँ,फूल और फल
सम्यक विश्लेषण के
अब खबरें विष बेल सी
उगने लगी हैं
और मुख्य मुद्दों को ही
निगलने लगी हैं .
2 ) भविष्य की बुनियाद
ईंट , पत्थर ,कंचे ,सीपियाँ
मुझे भी मिलते गए थे
बचपन से किशोरावस्था तक
पर उन्हें फेंका नहीं मैंने
सम्हाला …संग्रह किया ..ताकि
बन सके हर ईंट
मेरे भविष्य की बुनियाद
हर पत्थर से बन जाए
एक मज़बूत सेतु
जोड़ सके
बचपन को वयस्कता से
कंचे सीपियाँ बहुत ज़रूरी थे
सपनों की इबारतें तो
मैंने उन्ही से लिखी थी.
3) शाख का एक कोना
हम लाख भटके दर बदर
गली गली शहर शहर
पर सुकून तो अपने घर का
एक कोना ही देता है.
यूँ कि ……
विशाल आकाश भी है छोटा उड़ने के वास्ते
शाख का एक कोना है काफी रहने के वास्ते
4 )ये दुनिया झूठ बोलती है
सड़क पर बच्चियां
चला रही हैं साइकिल
पार्क गुलज़ार है
बच्चों की किलकारियों से
जमी हुई है
मम्मियों की गोष्ठियां
कितने किस्से…कितनी बातें
होमवर्क ..इम्तिहान
ब्रेकफास्ट लंच डिनर के
किस बच्चे ने आज क्या खाया
कौन है जो टिफिन वापिस लाया
मैं इस गोष्ठी का हिस्सा नहीं
जबकि मैंने भी तो बनाया है
तुम्हारा पसंदीदा
टमाटर सूप
सर्व किया है दो बाऊल में
साथ देने को बाई की बच्ची बुला लाई
कोशिश करती रही
तलाश सकूँ किसी एक चेहरे में तुम्हे
पर नहीं
यह संभव ही नहीं होता
मेरी बिटिया रानी
ये दुनिया झूठ बोलती है
कि एक माँ को हर बच्चे में
अपना बच्चा है दिखता .
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