V2...Value and Vision
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जलाकर खुद को औरों को देते हैं रोशनी
चिराग अंधेरों में रह कर देते हैं इन्तहां
पत्थर फेंकने वालों को भी देते हैं फल
दरख़्त ये हक़ अदा कर देते हैं इन्तहां
शाख से कट सज जाते हैं गुलदानों में
और गुल मुस्करा कर देते हैं इन्तहां
बड़े अरमानों से कर बेटों की शादियां
बुजुर्ग वृद्धाश्रम पहुँच कर देते हैं इन्तहां
घरों के बीच फासले तो होते हैं पल के
पड़ोसी मीलों चल कर देते हैं इन्तहां .
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